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माँ के आँचल में सुकून है सारा. . .

स्याही का साहस...
स्याही का साहस...
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627mother_and_child
भोली सी सूरत
ममता की मूरत
प्यारी सी लगती है मेरी माँ..

पायल से जिसकी
गूंजता है आँगन सारा
घर की रौनक है मेरी माँ..

उसके आदर्शों से
सीखते हूँ मैं जीना यह जीवन
घर की इज्ज़त है मेरी माँ

माथे की बिंदी जैसे चंदा
सूरज सा तेज है चेहरे पर
हर मुश्किलों में भी मुस्कराती है मेरी माँ..

दुनिया की भीड़ में
जब थक जाएँ भाग दौड़ के
तो अपनी गोद में सर रख सुलाती है माँ..

जब पापा डांटते हैं गलतियों पर
और हम हार जाते हैं हिम्मत
तब प्यार से गले लगाती है माँ..

मज़बूत यह डोर जो बांधे परिवार को
कुटुंब को सींचती
अपने संस्कारों की धारा से मेरी माँ..

ना स्वर्ग ना जन्नत
ना मंदिर ना मन्नत
सिर्फ तेरे ही आँचल में सुकून है मेरी माँ..

जिसका पहला अक्षर है अधूरा
माँ का वो ” प्यार” है पूरा
अनंत प्रेम का सागर है मेरी माँ..

अपने पेट को काट कर
हमे एक रोटी ज्यादा है खिलाती
वो निस्वार्थ अन्नदात्री है मेरी माँ..

हम कह ना पाए जो दुःख या पीड़ा अपनी
तू अपने हाथों से पोंछ आंसूं
उन्हें पढ़ लेती है मेरी माँ..

सिर्फ नाभि से जुड़ी नहीं
या खून के रंग से
तेरे प्यार और बलिदान से जुड़ी हूँ तुझसे मेरी माँ..

अगर गिर जाऊं कहीं
या लड़खड़ा जाऊं अंधेरों में
तो फिर से ऊँगली पकड़ मुझे चलना सिखाना माँ…

सृष्टि की सबसे सुन्दर रचना
ईश्वर की सबसे सुन्दर देन को शत शत नमन…
मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाँए मेरी माँ 🙂

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